पुरातत्व विभाग की अनदेखी से जर्जर हो रहा प्राचीन शिवमंदिर 

लखनऊ । सैंकड़ों वर्ष पहले काकोरी विकास खण्ड क्षेत्र के गोला कुआं स्थित टिकैट गंज गाँव के पास से गुजरे बेहता नाले के पास नवाबों द्वारा निर्माणाधीन भगवान शिव का मंदिर का निर्माण कराया गया था । जो आज बदहाली के आंसू रो रहा है । और जगह-जगह पर लखौरी टूट टूट कर गिर रही है । दिवारो का प्लास्टर उखड़ उखड़ कर गिर रहा है। दीवारों में दरारे हो गई हैं । जिसका आज पुस्ताहाल नहीं है । गाँव के ग्रामीणों ने बताया। कि इस मंदिर की बहुत मानता व शक्ति है । हर किसी के बिगडे काम बन जाते है । और इस मन्दिर को राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक होने के बाद भी पुर्साहाल लेने वाला कोई नहीं है। 


राजधानी लखनऊ से 16 किलोमीटर स्थित काकोरी के गोला कुआं स्थित टिकैतगंज के पास बने बेहता नदी के किनारे पर बना भगवान शिव का मंदिर इस मंदिर का निर्माण नवाब आसिफुुुददौला के शासनकाल 1775 -1798 ई . में उनके प्रधानमंत्री राजा टिकैत राय द्वारा 1786- 88 ई. (1200-1202) सन में कराया गया था। नवाबी युग के इस पूर्णतः विकसित मंदिर का निर्माण लखौरी ईंटों से किया गया है। जिस पर चूने के मसाले से प्लास्टर तथा अलंकरण किया गया है। यह पुल पांच नुकीली मेहराबो पर आधारित है। जिन्हें विशाल स्तम्भों पर रोका गया है। लखनऊ में स्थित सबसे पुराने पुलों मे से एक इस पुल तीन मंजिली दो अठपहलू मीनारे है। साथ विभिन्न आकारों की छतरियां बनी है । इन स्तम्भों पर संगमरमर की पट्टीकाऐ लगी है । जिस पर फारसी भाषा में इसके निर्माण की तिथि एवं निर्माता का नाम अंकित है । मंदिर के समीप एक छोटा घाट है । जहां पहुंचने के लिए मंदिर से सीढ़ियां बनी हुई है । और यह एक भव्य मन्दिर होने के बावजूद आज यह जर्जर अवस्था में है । और अपनी पहचान खोने लगा और बदहाली के आंसू रो रहा।